दोनो पति-पत्नी ने मेले मेँ बहुत ढ़ुढ़ते है, लेकिन लङका नही मिलता है, लङके कि माँ जोर-जोर से रोने लगती है, बाद मेँ पुलिस को सुचना देते है,
आधे घण्टे बाद लङका मिल जाता है,
लङके के मिलते ही उसका पति गाँव का टिकिट लेकर आता है,और वो सब बस मेँ बेठ कर गाँव रवाना हो जाते है,
तभी पत्नी ने पुछा: हम गाँव क्यो जा रहे है, अपने घर नही जाना है
क्या...?
तभी उसका पति बोला:"तु तेरी औलाद के बिना आधा घण्टा नही रह सकती,तो मेरी माँ गाँव मेँ पिछले 10 साल से मेरे बिना कैसे जी रही होगी..??
माँ-बाप का दिल दु:खाकर आजतक कोई सुखी नही हुआ, कदर करनी है, तो जीतेजी करो, जनाजा उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते है ।
मां-->
मां की हर दुआ कबूल है , मां को नाराज करना इंसान तेरी भूल है ,
मां के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है ,
अगर अपनी मां से है प्यार तो अपने सभी दोस्तो सेन्ड करे वरना ये मेसेज आपके लिये फिजूल है.
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