Synthetic Call Option Trading Strategy: सम्पूर्ण गाइड (Complete Guide)
Table of Contents (विषय सूची)
- Synthetic Call क्या है? (What is Synthetic Call?)
- Construction Technique (रचना तकनीक)
- 4 मुख्य परिदृश्य (4 Key Scenarios)
- Nifty 50 उदाहरण (Example)
- Entry & Exit Planning (प्रवेश और निकास योजना)
- Breakeven Price Calculation (ब्रेकईवन मूल्य गणना)
- Strike Selection (स्ट्राइक चयन)
- Risk and Reward (जोखिम और लाभ)
- Dos and Don'ts (क्या करें और क्या न करें)
- Common Mistakes (सामान्य गलतियाँ)
- The Bottom Line (निष्कर्ष)
Synthetic Call क्या है? (What is Synthetic Call?)
एक Synthetic Call option trading strategy एक ऐसी तकनीक है जो वास्तविक कॉल ऑप्शन खरीदने के बिना कॉल ऑप्शन जैसा ही payoff (भुगतान) प्रदान करती है। यह strategy दो components (घटकों) का combination (संयोजन) है: लॉन्ग फ्यूचर्स (Long Futures) और शॉर्ट पुट ऑप्शन (Short Put Option)। यह strategy तब उपयोगी होती है जब आपको underlying asset (अंतर्निहित परिसंपत्ति) की कीमत में तेजी (bullish) की उम्मीद हो, लेकिन आप सीधे कॉल ऑप्शन नहीं खरीदना चाहते।
इस strategy का मुख्य लाभ यह है कि इसमें प्रीमियम (premium) का भुगतान नहीं करना पड़ता (जैसा कि लॉन्ग कॉल में करना पड़ता है), बल्कि आपको प्रीमियम प्राप्त होता है। हालाँकि, इसमें असीमित जोखिम (unlimited risk) की संभावना होती है यदि बाजार आपकी उम्मीद के विपरीत दिशा में चला जाता है।
Construction Technique (रचना तकनीक)
Synthetic Call बनाने के लिए आपको निम्नलिखित steps (चरणों) का पालन करना होगा:
- लॉन्ग फ्यूचर्स (Long Futures): Underlying asset के फ्यूचर्स में लॉन्ग पोजीशन लें
- शॉर्ट पुट (Short Put): उसी underlying asset के समान expiration (समाप्ति) और strike price (स्ट्राइक मूल्य) पर पुट ऑप्शन बेचें
इस combination का payoff लॉन्ग कॉल ऑप्शन के समान होता है, इसलिए इसे "Synthetic" (कृत्रिम) कहा जाता है।
4 मुख्य परिदृश्य (4 Key Scenarios)
Scenario 1: बाजार तेजी के साथ बढ़ता है (Market Rises Sharply)
यदि बाजार आपकी उम्मीद के अनुसार तेजी (bullish) के साथ बढ़ता है:
- फ्यूचर्स पोजीशन से लाभ होगा
- शॉर्ट पुट ऑप्शन expire (समाप्त) हो जाएगा worthless (बेकार)
- आपको पुट ऑप्शन का प्रीमियम पूरा मिलेगा
- कुल मिलाकर असीमित लाभ (unlimited profit) की संभावना
Scenario 2: बाजार मामूली तेजी के साथ बढ़ता है (Market Rises Moderately)
यदि बाजार मामूली रूप से बढ़ता है:
- फ्यूचर्स से छोटा लाभ
- पुट ऑप्शन expire होगा worthless
- प्रीमियम की प्राप्ति
- कुल मिलाकर छोटा लेकिन सकारात्मक रिटर्न
Scenario 3: बाजार स्थिर रहता है (Market Remains Flat)
यदि बाजार strike price के आसपास स्थिर रहता है:
- फ्यूचर्स पोजीशन neutral (तटस्थ) रहेगी
- पुट ऑप्शन expire होगा worthless
- आपको पूरा प्रीमियम मिलेगा
- कुल मिलाकर प्रीमियम के बराबर लाभ
Scenario 4: बाजार गिरता है (Market Falls)
यदि बाजार आपकी उम्मीद के विपरीत गिरता है:
- फ्यूचर्स पोजीशन में नुकसान
- पुट ऑप्शन exercised (प्रयोग) किया जाएगा
- आपको underlying asset खरीदनी पड़ सकती है
- कुल मिलाकर असीमित नुकसान (unlimited loss) की संभावना
Nifty 50 उदाहरण (Example)
मान लीजिए Nifty 50 वर्तमान में 22,000 पर ट्रेड कर रहा है और आपको लगता है कि यह अगले एक महीने में बढ़ेगा।
Strategy:
- 1 लॉट Nifty फ्यूचर्स खरीदें (लॉट साइज = 75)
- 22,000 स्ट्राइक वाला पुट ऑप्शन बेचें जो एक महीने बाद एक्सपायर हो रहा हो
- मान लें पुट ऑप्शन का प्रीमियम ₹150 है
Investment (निवेश):
- फ्यूचर्स के लिए मार्जिन: ≈ ₹1,50,000 (अनुमानित)
- पुट ऑप्शन से प्रीमियम प्राप्ति: 75 × 150 = ₹11,250
Possible Outcomes (संभावित परिणाम):
एक्सपायरी पर Nifty स्तर | फ्यूचर्स P&L | पुट ऑप्शन P&L | कुल P&L |
---|---|---|---|
23,000 (+1,000) | +75,000 (1,000 × 75) | +11,250 (प्रीमियम) | +86,250 |
22,500 (+500) | +37,500 (500 × 75) | +11,250 | +48,750 |
22,000 (no change) | 0 | +11,250 | +11,250 |
21,500 (-500) | -37,500 | -26,250 (500 × 75 - 11,250) | -63,750 |
Entry & Exit Planning (प्रवेश और निकास योजना)
Entry Rules (प्रवेश के नियम):
- तेजी (bullish) का स्पष्ट संकेत होना चाहिए
- समर्थन (support) स्तर के पास प्रवेश करें
- Implied volatility (अंतर्निहित अस्थिरता) अधिक हो तो बेहतर (क्योंकि आप पुट बेच रहे हैं)
- समय क्षय (time decay) आपके पक्ष में काम करेगा
Exit Rules (निकास के नियम):
- लक्ष्य (target) पहुँचने पर पूरी पोजीशन बंद कर दें
- स्टॉप लॉस (stop loss) तय करें (जैसे फ्यूचर्स में 2% नुकसान पर)
- अगर बाजार आपके विपरीत जाए तो जल्दी एक्शन लें
- एक्सपायरी से पहले लाभ लेने पर विचार करें
Breakeven Price Calculation (ब्रेकईवन मूल्य गणना)
Synthetic Call का breakeven point निम्न formula से निकाला जाता है:
Breakeven = Strike Price - (प्राप्त प्रीमियम / लॉट साइज)
हमारे Nifty उदाहरण में:
Breakeven = 22,000 - (150) = 21,850
इसका मतलब है कि अगर Nifty एक्सपायरी पर 21,850 से ऊपर बंद होता है तो आपको नुकसान नहीं होगा। 21,850 से नीचे जाने पर नुकसान शुरू हो जाएगा।
Strike Selection (स्ट्राइक चयन)
सही स्ट्राइक चुनना इस strategy में महत्वपूर्ण है:
- ATM (At-the-Money): सबसे अधिक लिक्विडिटी (liquidity) और प्रीमियम
- OTM (Out-of-the-Money): कम जोखिम लेकिन कम प्रीमियम
- ITM (In-the-Money): अधिक प्रीमियम लेकिन अधिक जोखिम
नए ट्रेडर्स के लिए ATM स्ट्राइक सबसे उपयुक्त है क्योंकि:
- इसमें सबसे अधिक लिक्विडिटी होती है
- प्रीमियम पर्याप्त मिलता है
- ब्रेकईवन पॉइंट करीब होता है
Risk and Reward (जोखिम और लाभ)
Reward (लाभ):
- ऊपर की तरफ असीमित लाभ की संभावना
- प्रीमियम प्राप्ति से ब्रेकईवन पॉइंट नीचे खिसकता है
- समय क्षय (time decay) आपके पक्ष में काम करता है
Risk (जोखिम):
- नीचे की तरफ असीमित नुकसान की संभावना
- फ्यूचर्स में मार्जिन कॉल (margin call) का खतरा
- वोलैटिलिटी (volatility) बढ़ने पर नुकसान
Risk Management (जोखिम प्रबंधन):
- हमेशा स्टॉप लॉस (stop loss) का प्रयोग करें
- पोजीशन साइज (position size) को नियंत्रित रखें
- अत्यधिक लीवरेज (leverage) से बचें
Dos and Don'ts (क्या करें और क्या न करें)
Dos (क्या करें):
- तेजी (bullish) के स्पष्ट संकेत पर ही प्रवेश करें
- समर्थन (support) स्तर के पास strategy लगाएँ
- लिक्विड (liquid) स्ट्राइक और एक्सपायरी चुनें
- हमेशा स्टॉप लॉस (stop loss) का प्रयोग करें
- पोर्टफोलियो (portfolio) में विविधता (diversification) रखें
Don'ts (क्या न करें):
- अनिश्चित (uncertain) बाजार में strategy न लगाएँ
- अत्यधिक लीवरेज (leverage) का प्रयोग न करें
- एक्सपायरी के बहुत करीब न ट्रेड करें
- रिस्क मैनेजमेंट (risk management) को नजरअंदाज न करें
- इमोशंस (emotions) के आधार पर निर्णय न लें
Common Mistakes (सामान्य गलतियाँ)
- जोखिम प्रबंधन की अनदेखी: बिना स्टॉप लॉस के ट्रेड करना
- अत्यधिक लीवरेज: पूंजी से अधिक पोजीशन लेना
- समय क्षय को न समझना: एक्सपायरी के बहुत करीब ट्रेड करना
- इमोशनल ट्रेडिंग: डर या लालच में निर्णय लेना
- बाजार विश्लेषण की कमी: बिना उचित विश्लेषण के ट्रेड करना
- पोजीशन साइजिंग गलत होना: एक ही ट्रेड में बहुत अधिक पूंजी लगाना
- एक्सिट प्लान न होना: पहले से निकास योजना न बनाना
The Bottom Line (निष्कर्ष)
Synthetic Call option trading strategy एक शक्तिशाली टूल है जो अनुभवी ट्रेडर्स को तेजी (bullish) के दौरान लाभ कमाने में मदद कर सकता है। हालाँकि, यह नए ट्रेडर्स के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि इसमें असीमित जोखिम (unlimited risk) की संभावना होती है।
इस strategy को सफलतापूर्वक implement (लागू) करने के लिए:
- बाजार की स्पष्ट दिशा (clear trend) का विश्लेषण करें
- उचित स्ट्राइक और एक्सपायरी चुनें
- हमेशा रिस्क मैनेजमेंट (risk management) का पालन करें
- पहले पेपर ट्रेडिंग (paper trading) से अभ्यास करें
- धैर्य (patience) और अनुशासन (discipline) बनाए रखें
याद रखें, कोई भी strategy 100% सफलता की गारंटी नहीं देती। ट्रेडिंग में जोखिम हमेशा रहता है, इसलिए केवल उतनी ही पूंजी लगाएँ जिसके नुकसान को आप सहन कर सकें।
Question in Mind? Just Comment Your Question (मन में प्रश्न? बस अपना प्रश्न टिप्पणी करें)
अगर आपके मन में Synthetic Call strategy से संबंधित कोई प्रश्न है, तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन में पूछें। हमारे विशेषज्ञ आपके प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
Disclaimer (अस्वीकरण)
यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों (educational purposes) के लिए है और इसे निवेश सलाह (investment advice) के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। डेरिवेटिव्स (derivatives) ट्रेडिंग में उच्च जोखिम (high risk) होता है और यह सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं है। कृपया अपने वित्तीय सलाहकार (financial advisor) से परामर्श करें और केवल उतनी ही पूंजी निवेश करें जिसके नुकसान को आप सहन कर सकें। पिछला प्रदर्शन (past performance) भविष्य के परिणामों (future results) का संकेत नहीं है।
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