एक दिन बंदर के पास एक बकरी आयी और बोली —महाराज शेर मेरे बच्चे को उठा ले गया है। आप कुछ करो नही तो मेरा बच्चा मारा जायेगा।
बंदर बोला—शेर की यह हिम्मत?
ऐसा कैसे किया उसने?
अब वो कोई राजा तो है नहीं कि, जो मन आये करता रहे। राजा तो मैं हूं।
बताओ कहां है शेर ?
तुम घबरावो मत, मैं अभी उसे देखता हूं।
बकरी उसको ले के गयी शेर के पास। शेर एक पेड के नीचे बकरी के बच्चे को अपने पंजे में दबोचे बैठा था।खाने की तैयारी कर रहा था ।
बकरी ने कहा–महाराज बचाइये मेरे बच्चे को।
बंदर ने त्वरित निर्णय लिया और उसी पेड के ऊपर चढ गया जिसके नीचे शेर बैठा था। वह एक डाल से दूसरी डाल,दूसरी से तीसरी डाल कूदता। पसीने -पसीने हो गया पर कूदना जारी रखा। काफी देर हो जाने पर बकरी बोली:-महाराज, कुछ करिये नही तो मेरा बच्चा मारा जायेगा।
इस पर बंदर हांफते हुये बोला–”देखो ,तुम्हारा बच्चा रहे या मारा जाये। हमारी दौड-धूप में कोई कमी हो तो बताओ।”
aave koni kakka ko poon aur banga netaji...aji buro maan ba ki baat koni...ghar ki hi baat hai..website bhee hindi m hi hai,,,koyi k bhee samaj me koni aave..
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