जिसकी ज़रूरत हर किसी को हुई है,
गुजार के देखो कभी अकेले ज़िन्दगी,
फिर खुद जान जाओगे के दोस्ती के बिना ज़िन्दगी भी अधूरी है.
कीसी का दिल तूदना हमारी आदत नहीं
कीसी का दिल दुखाना हमारी फिरात नहीं
भरोसा रखना हम पर तुम
दोस्त कह कर कीसी को यूह,हम बदलते नहीं
हर कुशी दिल के करीब नहीं होती,
ज़िन्दगी घुमो से दूर नहीं होती,
आये दोस्त मेरी दोस्ती को संभल कर रक,
हमारी दोस्ती हर किसी को नसीब नहीं होती...
तेरी दोस्ती हम इस तरह निधायेंगे तुम रोज़ खफा होना
हम रोज़ मनायेंगे पर मान जाना मनाने से
वरना यह भीगी पलकें ले के कहा जायेंगे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें