जाट होस्यार सिंह का घरनिकाला / jat hosyarsingh ka gharnikala


एक बार की बात है एक था जाट होस्यार सिंह वो घर-जवाई था और चोधराहट करता था | अब घर पर काम काज न करने पर घरवाली ने होस्यारसिंह को घर से बहार निकाल दिया...और खहा गया की वापस आने की मत सोचना जब तक खुछ कमा कर नहीं लावो | अब घरवाली के रोज रोज के तानो से परेसान होस्यारसिंह ने भी घर छोड़ दिया ..

अब होस्यारसिंग पैसे उदार लेने के लिए अपने दोस्त के घर जा रहा था, तभी बीच में एक गाँव आता था ज्ञानिपुरा, वह वहा आराम करने के लिए बैठ गया ..थोड़ी देर बाद होस्यार सिंह को लडाई झगड़े की आवाजे सुनाई दी..आवाजे दो औरतो की थी | अब औरतो को देखा तो वो भी जाटो के लग रही थी, तब होस्यारसिंह अपनी चोधराहत दिखने के लिए औरतो के पास गया और पूछा की...

होस्यारसिंह :-क्यों लड़ रही हो ..?



एक औरत ने खहा की जो सामने पेड़ खड़ा है में तो बोल रही हु की ये खेजड़ी का है और ये बोल रही है की खेजड़ा का है | अब आप ही बताओ ये पेड़ किसका है ?
होस्यारसिंह :- ये पेड़ तो नीम का है |तुम दोनों को ही नहीं पता ...
ये फेसला सुनते ही एक जाटनी तो चली गयी पर एक को अभी चैन नहीं मिला 
अब होस्यारसिंह से जाटनी जिधने लग गयी की ये पेड़ खेजड़ी का ही है नीम का नहीं है ..

अब होस्यारसिंह बोला तो सर्त लगाओ मेरे से ?
ज्ञानिपुरा की मुर्ख जाटनी झट पट राजी हो गयी ...
अब होस्यारसिंह बोला ये पेड़ अगर खेजड़ी का है तो में तुम्हारा घरवाला नही तो तुम मेरी घरवाली |
जाटनी बोली हा ठीक है ?

अब अलग अलग 10 -15 लोगो से पूछा तो सबने खहा की पेड़ तो खेजड़ी का ही है |
अब जाटनी खुस होते हुए होस्यार सिंह से कहाः में जीत गयी और तुम हार गए ....अब जाटनी ने सर्त के हिसाब के बारे में सोचा और बोली की में तो शादीसुदा हु और घरवाला भी जिन्दा है ...ये खहकर जाटनी वहा से खिसकने लगी !!

पर अब होस्यार सिंह उस जाटनी के पीछे पीछे चल दिया ...

और घर पर पहुचते ही होस्यारसिंह आराम से पलंग निकाल कर सोने लगा | अब जाटनी आई और उसे जाने के लिए खहने लगी |
जाटनी ने हाथ पैर जोड़े, कसमे दी और भी बहुत खुछ किया पर होस्यारसिंह नहीं माना ...
जाटनी :-अब होस्यार सिंह से पूछा तुजे क्या चाहिए ?
होस्यार सिंह बोला :-जितनी बार मेरी घरवाली मुझे घर से निकले तो 50 रुपये लूँगा हर बार  |
जाटनी :-ये तो बहुत ज्यादा है |
जाट होस्यारसिंह :-तो ठीक है में यही रह जाता हु ...
जाटनी :- 50 तो नहीं पर 40 दे दूंगी ..
जाट होस्यारसिंग:-ठीक है ...

तो फिर होस्यारसिंह ले के 40 रुपये सीना तान कर घर पर आया और घरवाली की तरफ 40 रुपये फेकते हुए ले पकड़..और में जा रहा हु...

होस्यारसिंह की घरवाली ने प्यार से पूछा की कहा से लाये इतने सारे रुपये ? और कहा जा रहे हो ?
होस्यारसिंह :-घरवाली के पास !!
होस्यारसिंग की घरवाली :- अजी बात क्या हुयी, बात तो बताओ और घरवाली के पास ही तो हो ...

होस्यारसिंह ने सारी  बातो के नमक मिर्च लगा कर बताई (बात बढ़ा-चढ़ा कर बताई) ......और ये भी बताया की ग्यानिपुरा वाली जाटनी मुझको रखने के लिए तेयार है ...और वही जा रहा हु ..
होस्यारसिंह की घरवाली:-मुझसे गलती हो गयी,,अब दुबारा नहीं होगी कही मत जाओ..
होस्यारसिंह :चलो ठीक तुम कह ही रही  हो तो...

अब होस्यार सिंह भी घर पर काम करता था क्योंकी उसे डर था की कही दुबारा ना निकाल दे, और उसकी घरवाली होस्यार सिंह के ऊपर ताने मरने बंद कर दिए क्योकि वो सोचती थी की ये ज्ञानिपुरा ना भाग जाये...

==कमेन्ट लिखना न भूले==

खेता काका की चेतावनी :-ये लेख अपनी घरवाली या बाहरवाली को न पढाये नहीं तो नतीजा दर्द दायक भी हो सकता है |

Popular posts from this blog

गाली वाली शायरी - Tumhari delivery report aa jati hai

Jaat Status - जाट स्टेटस

Adult Non Veg gande mast Jokes

जाट स्टेटस Jat Status, Quotes, Shayari, Image and Video

Rajasthani Chutkule | राजस्थानी | मारवाड़ी | चुटकुले | कॉमेडी

Best Mast Haryanvi Jokes majedar Sexy Chutkule in Hindi हरयाणवी जोक्स

हँसी मजाक शायरी | Part - 1

नौकरी में मजे और तरक्की के फनी मंत्र: "बने रहो पगले, काम करेंगे अगले!

Join Whatsapp Group Rajput / Rajpoot / Rajputana Whatsapp

Suvichar सुविचार Suvichar In Hindi सुविचार हिंदी में