Ek Damdar Majedar Shayri in hindi : एक दमदार मजेदार शायरी
Ek Damdar Majedar Shayri in hindi : एक दमदार मजेदार शायरी
हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहाँ दम था ?
मेरी हड्डी वहाँ टूटी, जहाँ हॉस्पिटल बन्द था |
मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला, उसका पेट्रोल ख़त्म था |
मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया, क्योंकि उसका किराया कम था |
मुझे डॉक्टरों ने उठाया, नर्सों में कहाँ दम था ?
मुझे जिस बेड पर लेटाया, उसके नीचे बम था |
मुझे तो बम से उड़ाया, गोली में कहाँ दम था ?
और मुझे सड़क में दफनाया, क्योंकि कब्रिस्तान में फंक्शन था |
