Request to indian peoples heartly : चीनी सामानों का बहिस्कार करे...
दुनिया में सबसे बड़ी फ़ौज सोवियत संघ के पास थी ,जिसका खर्चा वह भारत जैसे देशो को मनमाने दाम पर हथियार बेच कर उठाता था ,परन्तु जब अमेरिका और फ़्रांस उससे बहुत कम कीमत में उनसे अच्छा हथियार बेचने लगे तो सोवियत का बाजार टूट गया और ९० के दसक आते आते वह अपने सेना का खर्च उठाने में असमर्थ हो गया परिणाम स्वरुप उसे अपने आधीन राष्ट्रों को आजादी देनी पड़ी इस प्रकार सोवियत संघ का पतन हो गया .चीन के पास भी बहुत बड़ी सेना है, और उसे भी अपने सैनिको का खर्च उठाने के लिए अपना सामान अन्य देशो के बाजार में भेजना पड़ रहा है और यहाँ तक उसे अपने कैदियों के अंगो को भी बेच कर पैसा कमाना पड़ रहा है .लगभग रोज चीन भारतीय सीमा में घुस आता है, परन्तु वह बियात्नाम युद्ध के बाद इस स्थिति में नहीं है की कोई बड़ी लड़ाई लड़ सके, यदि चीन को बिना एक गोली चलाये सबक सिखाना है तो सबसे अच्छा तरीका यही है की हर भारतीय चीनी सामानों का बहिस्कार करे, क्योकि दुनिया का सबसे बड़ा बाजार भारत है ,कोई भी देश से यदि इतना बड़ा बाजार छीन जाये तो उसका आधा पतन ऐसे ही हो जाएगा.मै हर भारतीय से अनुरोध करता हु की वह चीनी सामान लेना बंद कर दे...!!
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बॉर्डर पर जंग नही लड़ सकते पर इतना तो कर सकते,, धन्यबाद...
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