पर बेटे से नहीं कहते हो कि नज़रों मैं गंदगी मत लाओ |
बेटी से कहते हो कि कभी घर कि इज्जत ख़राब मत करना,
बेटे से क्यों नहीं कहते कि किसी के घर कि इज्जत से खिलवाड़ नहीं करना |
हर वक़्त रखते हो नज़र बेटी के फ़ोन पर,
पर ये भी तो देखो बेटा क्या करता है इंटरनेट पर |
किसी लड़के से बात करते देखकर जो भाई हड़काता है,
वो ही भाई अपनी गर्लफ्रेंड के किसे घर मैं हंस हंस कर सुनाता है |
बेटा घूमे गर्लफ्रेंड के साथ तो कहते हो अरे बेटा बड़ा हो गया ,
बेटी अपने अगर दोस्त से भी बातें करें तो कहते हो बेशर्म हो गयी इसका दिमाग ख़राब हो गया |
पहले शोषण घर से बंद करो तब शिकायत करना समाज से,
हर बेटे से कहो कि हर बेटी कि इज़ज़त करे आज से ।
बात निकली है तो दूर तक जानी चाहिए !
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