हिंदी शायरी - किसे समझे अपना किसे पराया
ज़िंदगी जीने को एक यहाँ ख्वाब मिलता है,
यहाँ हर सवाल झूठा जवाब मिलता है,
किसे समझे अपना किसे पराया,
यहाँ हर चेहरे पे एक नकाब मिलता है.…
यहाँ हर सवाल झूठा जवाब मिलता है,
किसे समझे अपना किसे पराया,
यहाँ हर चेहरे पे एक नकाब मिलता है.…