Narazgi Hindi shayri हिन्दी शायरी ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हु मै
Narazgi Hindi shayri हिन्दी शायरी ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हु मै...
ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हु मै,हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हु मै,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हु मै..
2.
ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे,
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे,
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया,
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे...
ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे,
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे,
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया,
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे...