ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हैं शासक कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता ।।
में भगवान से प्रार्थना करता हु की मुझे भी भारत देश की सेवा का मोका दे, पर सुनता ही नहीं; पर ऐसा लगता है की बस अब सुनने ही वाला है ।।
मत रो ए बहन, मत रो ए माँ;
हम बहुत शर्मिंदा है;
हिंदुस्तान के घरो में, आज भी गंदे खून से पैदा हुये देशद्रोही जिन्दा है ।
आओ झुकर सलाम करे उनको जिनके हिस्से मे ये मुकाम आता है,
खुसनसीब है वो खून जा देश के काम आता है..!!
हम उन सभी लोगो से नफरत करते है जो देशद्रोहियो के मनोबल को बढ़ाते है और उनका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उनका साथ देते है । और ऐसे लोगो का बहिस्कार करना चाहिये ।
जो देशद्रोही का पक्ष लेगा वो भी दर्शद्रोहि ही होगा ।
चाहे वो मुख्यमंत्री हो या सांसद ।।।
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