इधर नहीं
उधर नहीं
तेरी ओर चले
दिल क्यूँ यह मेरा शोर करे
इधर नहीं
उधर नहीं
ज़रा देर मैं
यह क्या हो गया
नज़र मिलते ही
कहाँ खो गया
ज़रा देर मैं
यह क्या हो गया
नज़र मिलते ही
कहाँ खो गया
भीड़ में लोगो की वोह हैं वहां
और प्यार की मेले में अकेला कितना हूँ में यहाँ
उधर नहीं
शुरू हो गई कहानी मेरी
शुरू हो गई कहानी मेरी
मेरे दिल ने बात न मानी मेरी
हद से भी आघे यह गुज़र ही गया
खुद भी परेशां हुआ
दिल क्यूँ यह मेरा शोर करे
दिल क्यूँ यह मेरा शोर करे
उधर नहीं
तेरी ओर चले
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