किसान काका और तीन चोर...
एक बार की बात है दोस्तों ..एक था किसान काका जो रामजीपुरा गाँव में रहता था | जिसके पास एक था बैल जिसका नाम था कूपडा और एक थी बेटे की बहु जिसका नाम था नीमचढ़ | तो उन दिनों रामजीपुरा गाँव में गाँववाले चोरो से बड़े परेसान थे | तो काका गाँव से कुछ चोरो की आपबीतिया सुनकर घर आया और बेटे की बहु से बोला:-की बेटा आजकल चोरो ने बड़ा आतंक फैला रखा है तो कही अपने चोरी ना हो जाये इसलिए बेटा नीमचढ़ अपने पास जो भी बर्तन है उन्हें छुपा दो |
किसान काका ने निमचढ़ को जो भी बोला वो चोरो ने सारी बात सुन ली ..और चोरो ने यु समजा की कोई बेटा है जो नीम के ऊपर चढ़ कर बर्तन छुपायेगा और चोर चले गए उस समय...अब चोर रात के 1 -2 बजे दुबारा आये..
चोर रात को आये और काका के घर के सामने था एक नीम का पेड़ और उस पर था एक टाट्या (एक परकार की पिली मख्खी जो सफ़ेद छत्ता बनाकर रहती है) का छता | उस छत्ये को देख कर एक चोर बोला ...देखो वो रखे बर्तन...
अब 3 चोर पेड़ पर चड़ने लगे और बाते कर रहे थे की किसान काका तो बड़ा मुर्ख निकला ..इतनी आसन चोरी तो आज पहली बार ही करेंगे....हगेरा भगेरा ...
ज्यो ही चोर ने बर्तन उठाने की कोसिस की तो टाट्यो ने उसके तीनो के इतने डंक मरे की पहला निचे आ गिरा ...
काका के कान में आवाज आयी ध-धडं-धादान....काका ने सोचा की बैल (कूपडा) चारा खाता
खाता ठान ( चारा डालने का स्थान) के साथ धक्का मुक्की कर रहा है ये सोच कर काका फिर सो गया ....
आँख भी बंद नहींकी की फिर से वही आवाज ध.धड..धडाम...काका ने जोर से आवाज लगायी कूपडा....
कूपडा ...तो बहार से गुस्से भरी आवाज आई ,....काका में पड़ा.....काका में पड़ा ...
अब काका ने ये सुनकर बहार की तरफ निकला ....इतने में ही .... तीसरा चोर भी टपक पड़ा ....काका के कुछ समज में पड़ता इससे पहले ही चोर भाग निकले .....
दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लगी..आप अपने विचार कमेन्ट में लिखे मुझे आपके विचार पड़ने में बड़ी परसन्नता होगी ....
