दर्द भरी शायरी हिन्दी मेँ
वक्त थोड़ा है पास मेरे,
पर बहुत कुछ अभी करना बाकी है।
वो जख्म जो अपनों ने दिये,
उसे भी भरना बाकी है।
तेरी दोस्ती की आदत सी पड़ गयी है मुझे,
कुछ देर तेरे साथ चलना बाकी है।
शमसान मैं जलता छोड़ कर मत जाना,
वरना रूह कहेगी कि रुक जा,
अभी तेरे यार का दिल जलना बाकी है।
पर बहुत कुछ अभी करना बाकी है।
वो जख्म जो अपनों ने दिये,
उसे भी भरना बाकी है।
तेरी दोस्ती की आदत सी पड़ गयी है मुझे,
कुछ देर तेरे साथ चलना बाकी है।
शमसान मैं जलता छोड़ कर मत जाना,
वरना रूह कहेगी कि रुक जा,
अभी तेरे यार का दिल जलना बाकी है।