“मजाक था यार”...
एक फीलिंग छुपी होती है जब कोई कहता है..
“मुझे कोई फर्क नही पङता”...
एक दर्द छुपा होता है जब कोई कहता है..
“ठीक है”...
एक जरूरत छुपी होती है जब कोई कहता है..
“मुझे अकेला छोङ दो”...
एक गहरी बात छुपी होती है जब कोई कहता है..
“पता नही”...
एक बातों का समंदर छुपा है जब कोई
खामोश रहता है…
इसीलिए एक ऑपन हार्ट सर्जरी की यूनिट के बाहर लिखा था कि
अगर दिल खोल लेते अपने यारों के साथ
तो आज नही खोलना पङता औजारों के साथ..!!
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