Introduction

The Bull Butterfly Spread is an advanced options trading strategy that combines both bullish and range-bound approaches. This limited risk, limited reward strategy is perfect for traders who anticipate moderate price movement in the underlying asset. In this comprehensive guide, we'll explain everything about Bull Butterfly Spread strategy with Nifty 50 examples in Hindi (with English terms).

यह रणनीति (strategy) तीन अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस (strike prices) वाले ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स (option contracts) का उपयोग करती है। यह एक कॉम्बिनेशन (combination) स्ट्रैटेजी है जो बुल कॉल स्प्रेड (bull call spread) और बियर कॉल स्प्रेड (bear call spread) को मिलाकर बनाई जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य (primary objective) मध्यम बुलिश मार्केट (moderate bullish market) में प्रॉफिट (profit) कमाना है जहां आपको एसेट (asset) की प्राइस (price) में मामूली वृद्धि (slight increase) की उम्मीद हो।

What is Bull Butterfly Spread? (बुल बटरफ्लाई स्प्रेड क्या है?)

बुल बटरफ्लाई स्प्रेड एक डेबिट स्प्रेड (debit spread) स्ट्रैटेजी है जिसमें तीन कॉल ऑप्शन (call options) शामिल होते हैं:

  1. 1 ITM (In-the-Money) कॉल ऑप्शन खरीदें (Buy)
  2. 2 ATM (At-the-Money) कॉल ऑप्शन बेचें (Sell)
  3. 1 OTM (Out-of-the-Money) कॉल ऑप्शन खरीदें (Buy)

यह स्ट्रैटेजी तब काम करती है जब अंडरलाइंग एसेट (underlying asset) की कीमत एक्सपायरी (expiry) तक मध्य स्ट्राइक प्राइस (middle strike price) के आसपास रहती है। यह एक लिमिटेड रिस्क (limited risk), लिमिटेड रिवार्ड (limited reward) वाली स्ट्रैटेजी है जिसमें मैक्सिमम प्रॉफिट (maximum profit) तब मिलता है जब स्टॉक एक्सपायरी पर मध्य स्ट्राइक प्राइस पर क्लोज (close) होता है।

Construction Technique (रचना तकनीक)

बुल बटरफ्लाई स्प्रेड को बनाने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स (steps) फॉलो करें:

  1. लोअर स्ट्राइक (Lower Strike): एक ITM कॉल ऑप्शन खरीदें (Buy 1 ITM Call)
  2. मिडिल स्ट्राइक (Middle Strike): दो ATM कॉल ऑप्शन बेचें (Sell 2 ATM Calls)
  3. अपर स्ट्राइक (Upper Strike): एक OTM कॉल ऑप्शन खरीदें (Buy 1 OTM Call)

सभी ऑप्शन्स (options) का एक्सपायरी डेट (expiry date) और अंडरलाइंग एसेट (underlying asset) समान होना चाहिए। यह स्ट्रैटेजी नेट डेबिट (net debit) पर बनाई जाती है, मतलब आपको इस पोजीशन (position) को ओपन (open) करने के लिए प्रीमियम (premium) पे करना पड़ता है।

Nifty 50 Example with Calculation (निफ्टी 50 उदाहरण)

मान लीजिए निफ्टी 50 वर्तमान में 22,000 पर ट्रेड (trade) कर रहा है। हम निम्नलिखित बुल बटरफ्लाई स्प्रेड बनाते हैं:

  • Buy 1 21,800 CE (Call Option) @ ₹250
  • Sell 2 22,000 CE @ ₹150
  • Buy 1 22,200 CE @ ₹80

नेट डेबिट (Net Debit): (250 + 80) - (2 × 150) = 330 - 300 = ₹30

मैक्सिमम लॉस (Maximum Loss): नेट डेबिट = ₹30 × लॉट साइज (lot size) (निफ्टी में 50) = ₹1,500

मैक्सिमम प्रॉफिट (Maximum Profit): (मिडिल स्ट्राइक - लोअर स्ट्राइक) - नेट डेबिट = (200 - 30) × 50 = ₹8,500

ब्रेकईवन पॉइंट (Breakeven Points):
लोअर बीई = लोअर स्ट्राइक + नेट डेबिट = 21,800 + 30 = 21,830
अपर बीई = अपर स्ट्राइक - नेट डेबिट = 22,200 - 30 = 22,170

4 Trading Scenarios (4 ट्रेडिंग परिदृश्य)

Scenario 1: Nifty closes at middle strike (22,000)

यह आदर्श स्थिति (ideal scenario) है। 21,800 CE ₹200 इन्ट्रिन्सिक वैल्यू (intrinsic value) पर एक्सपायर होगा। 22,000 और 22,200 CE बेकार (worthless) एक्सपायर होंगे। मैक्सिमम प्रॉफिट = (200 - 30) × 50 = ₹8,500

Scenario 2: Nifty closes between lower and middle strike (21,830-22,000)

21,800 CE प्रॉफिट में होगा, 22,000 CE ओटीएम (OTM) रहेगा। प्रॉफिट होगा लेकिन मैक्सिमम से कम। उदाहरण: 21,900 पर क्लोज होने पर प्रॉफिट = (100 - 30) × 50 = ₹3,500

Scenario 3: Nifty closes below lower strike (21,800)

सभी ऑप्शन्स बेकार (worthless) एक्सपायर होंगे। मैक्सिमम लॉस = नेट डेबिट = ₹1,500

Scenario 4: Nifty closes above upper strike (22,200)

21,800 CE और 22,200 CE के प्रॉफिट/लॉस एक-दूसरे को कैंसल (cancel) कर देंगे। 22,000 CE पर लॉस होगा। नेट रिजल्ट (net result) मैक्सिमम लॉस = ₹1,500

Breakeven Price Calculation (ब्रेकईवन प्राइस कैलकुलेशन)

बुल बटरफ्लाई स्प्रेड के दो ब्रेकईवन पॉइंट्स (breakeven points) होते हैं:

  1. Lower Breakeven: लोअर स्ट्राइक + नेट डेबिट
    उदाहरण में: 21,800 + 30 = 21,830
  2. Upper Breakeven: अपर स्ट्राइक - नेट डेबिट
    उदाहरण में: 22,200 - 30 = 22,170

अगर निफ्टी एक्सपायरी पर इन दोनों प्राइस के बीच कहीं भी क्लोज होता है तो आपको प्रॉफिट होगा। अगर 21,830 से नीचे या 22,170 से ऊपर क्लोज होता है तो लॉस होगा।

Strike Selection (स्ट्राइक चयन)

सही स्ट्राइक प्राइस (strike price) चुनना इस स्ट्रैटेजी की सफलता (success) के लिए महत्वपूर्ण (important) है:

  • लोअर स्ट्राइक: करंट प्राइस से 1-2% नीचे (ITM)
  • मिडिल स्ट्राइक: करंट प्राइस के बराबर या बहुत करीब (ATM)
  • अपर स्ट्राइक: करंट प्राइस से 1-2% ऊपर (OTM)

स्ट्राइक्स के बीच की दूरी (distance between strikes) समान होनी चाहिए। हमारे उदाहरण में हर स्ट्राइक 200 पॉइंट्स (points) की दूरी पर है। छोटी दूरी (smaller distance) कम रिस्क (lower risk) लेकिन कम प्रॉफिट (lower profit) देती है। बड़ी दूरी (wider distance) ज्यादा रिस्क (higher risk) और ज्यादा प्रॉफिट (higher profit) पोटेंशियल (potential) देती है।

Risk and Reward Analysis (जोखिम और पुरस्कार विश्लेषण)

मैक्सिमम रिस्क (Maximum Risk): नेट डेबिट (net debit) जो आपने पोजीशन ओपन करने के लिए पे किया है। उदाहरण में ₹1,500 (₹30 × 50 लॉट साइज)

मैक्सिमम रिवार्ड (Maximum Reward): (मिडिल स्ट्राइक - लोअर स्ट्राइक) - नेट डेबिट, फिर लॉट साइज से गुणा। उदाहरण में ₹8,500

रिस्क-रिवार्ड रेश्यो (Risk-Reward Ratio): 1:5.67 (1,500 vs 8,500) जो एक अच्छा रेश्यो है।

ध्यान रखें कि मैक्सिमम प्रॉफिट तभी मिलता है जब अंडरलाइंग (underlying) एक्सपायरी पर बिल्कुल मिडिल स्ट्राइक पर क्लोज हो। थोड़ा सा भी डेविएशन (deviation) होने पर प्रॉफिट कम हो जाता है।

Effect of Volatility (अस्थिरता का प्रभाव)

बुल बटरफ्लाई स्प्रेड वोलैटिलिटी (volatility) में कमी से फायदा (benefits from decreasing volatility) उठाता है:

  • हाई वोलैटिलिटी (High Volatility): ऑप्शन प्रीमियम्स (option premiums) महंगे होते हैं जिससे नेट डेबिट बढ़ सकता है।
  • लो वोलैटिलिटी (Low Volatility): ऑप्शन्स सस्ते होते हैं जिससे स्ट्रैटेजी लागत (strategy cost) कम आती है।

इस स्ट्रैटेजी को तब इस्तेमाल करना चाहिए जब आपको वोलैटिलिटी के कम होने की उम्मीद हो। वोलैटिलिटी बढ़ने से इस स्ट्रैटेजी को नुकसान (harm) हो सकता है।

Impact of Time Decay (समय क्षय का प्रभाव)

थीटा (theta) या टाइम डिके (time decay) इस स्ट्रैटेजी के लिए फायदेमंद (beneficial) है:

  • आपके द्वारा बेचे गए (sold) ATM ऑप्शन्स पर टाइम डिके का प्रभाव ज्यादा होता है।
  • खरीदे गए (bought) ITM और OTM ऑप्शन्स पर टाइम डिके का प्रभाव कम होता है।

इसलिए जैसे-जैसे एक्सपायरी नजदीक (expiry approaches) आती है, आपकी पोजीशन की वैल्यू (position value) बढ़ने की संभावना (probability) होती है (अगर अंडरलाइंग की प्राइस मिडिल स्ट्राइक के आसपास रहती है)।

Dos and Don'ts (क्या करें और क्या न करें)

Dos (क्या करें):

  • स्ट्राइक प्राइस का चुनाव सावधानी (carefully) से करें
  • एक्सपायरी से 2-4 सप्ताह पहले (2-4 weeks before expiry) यह स्ट्रैटेजी बनाएं
  • रिस्क को मैनेज (manage) करने के लिए पोजीशन साइज (position size) छोटा रखें
  • ब्रेकईवन पॉइंट्स (breakeven points) को नोट (note) कर लें

Don'ts (क्या न करें):

  • हाई वोलैटिलिटी (high volatility) के समय इस स्ट्रैटेजी को न अपनाएं
  • स्ट्राइक्स के बीच असमान दूरी (unequal distance) न रखें
  • एक्सपायरी के बहुत करीब (too close to expiry) इस स्ट्रैटेजी में न आएं
  • मार्केट ट्रेंड (market trend) को इग्नोर (ignore) न करें

Common Mistakes (सामान्य गलतियाँ)

नए ट्रेडर्स (new traders) अक्सर यह गलतियाँ (mistakes) करते हैं:

  1. गलत स्ट्राइक सिलेक्शन (Wrong Strike Selection): स्ट्राइक्स बहुत दूर (too far) या बहुत पास (too close) रखना
  2. समय का गलत चुनाव (Wrong Timing): बहुत जल्दी (too early) या बहुत देर (too late) से स्ट्रैटेजी बनाना
  3. पोजीशन साइजिंग (Position Sizing): कैपिटल (capital) का बड़ा हिस्सा (large portion) एक ही ट्रेड में लगाना
  4. एग्जिट प्लान (Exit Plan): प्रॉफिट लक्ष्य (profit target) या स्टॉप लॉस (stop loss) निर्धारित (define) न करना
  5. मार्केट एनालिसिस (Market Analysis): बिना प्रॉपर एनालिसिस (proper analysis) के सिर्फ प्रीमियम (premium) के आधार पर ट्रेड करना

इन गलतियों से बचने के लिए हमेशा पहले पेपर ट्रेडिंग (paper trading) करके स्ट्रैटेजी को टेस्ट (test) करें और फिर रियल मार्केट (real market) में इस्तेमाल करें।

Conclusion (निष्कर्ष)

बुल बटरफ्लाई स्प्रेड एक उन्नत (advanced) ऑप्शन स्ट्रैटेजी है जो मॉडरेट बुलिश (moderately bullish) मार्केट के लिए उपयुक्त (suitable) है। यह लिमिटेड रिस्क (limited risk) वाली स्ट्रैटेजी है जिसमें हाई रिस्क-रिवार्ड रेश्यो (high risk-reward ratio) मिलता है।

इस स्ट्रैटेजी को सफलतापूर्वक (successfully) इस्तेमाल करने के लिए सही स्ट्राइक सिलेक्शन (strike selection), टाइमिंग (timing) और वोलैटिलिटी एनालिसिस (volatility analysis) महत्वपूर्ण (important) है। नए ट्रेडर्स (new traders) को पहले डेमो अकाउंट (demo account) पर प्रैक्टिस (practice) करनी चाहिए।

याद रखें कि कोई भी स्ट्रैटेजी 100% सफल (successful) नहीं होती। रिस्क मैनेजमेंट (risk management) और मनी मैनेजमेंट (money management) हमेशा प्राथमिकता (priority) होनी चाहिए।