लेकिन इस सब के बीच अपने भविष्य को बर्बाद मत कर लेना क्योंकि अगर कल को खुद आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम रहोगे तब ही समाज और धर्म के लिए भी कुछ कर पाओगे नहीं तो जिंदगी भर फेसबुक या फिर सड़कों पर बयानबाजी ही करते रह जाओगे
और हाँ अपने भविष्य निर्माण के जिम्मेदार आप हैं और किसी भी तरह के नेता पर तो बिलकुल विश्वास मत करना की वो नेता आएगा और आपके संघर्ष मे आपकी सहायता करेगा चाहे वो कितना ही बड़ा "हिंदुवादी" ही क्यों न बनता हो
बात थोड़ी कड़वी लगेगी लेकिन सच है क्योंकि ये मैं कई मित्रों के साथ होते हुए देख चुका हूँ
जो मज़हब की इबादत है, वो मतलब की इबादत है
करो इन्सान की ख़िदमत, यही रब की इबादत है !!
जिंदगी पूरी होने पर पता चलता है कि "राम नाम सत्य है "
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